Brief Summary
ये वीडियो NEET PG परीक्षा के लिए ग्रैंड टेस्ट (GT) स्ट्रेटेजी के बारे में है। इसमें बताया गया है कि GTs को सीरियसली क्यों लेना चाहिए, एग्जाम जैसे माहौल में GT कैसे दें, अनजाने MCQs के लिए कैसे तैयारी करें, GT से पहले और बाद में क्या करें, GT की सही फ्रीक्वेंसी क्या होनी चाहिए, और GT स्कोर क्यों अटक जाता है। वीडियो में आने वाली GT डेट्स और उनका सही इस्तेमाल करने के बारे में भी बताया गया है, साथ ही GT स्कोर में प्रेसिजन और एक्यूरेसी के बारे में भी बात की गई है।
- GTs को सीरियसली लें और एग्जाम जैसे माहौल में दें।
- अनजाने MCQs को हल करने की प्रैक्टिस करें।
- GT से पहले छोटी कॉपी से रिविजन करें।
- GT के बाद अपनी गलतियों का एनालिसिस करें।
- MCQs को लर्निंग टूल की तरह इस्तेमाल करें।
ग्रैंड टेस्ट को सीरियसली क्यों लेना चाहिए?
ग्रैंड टेस्ट (GT) को सीरियसली लेना चाहिए क्योंकि ये असली एग्जाम की तरह होता है। हर GT इम्पोर्टेन्ट है, चाहे वो BTR GT हो या एग्जाम के ठीक पहले का GT, क्योंकि इसमें 200 MCQs होते हैं जिन्हें एक साथ करना होता है। ये एक तरह की मैच प्रैक्टिस है जिससे आप उन MCQs को फेस करना सीखते हैं जिनके बारे में आपको नहीं पता होता।
एग्जाम जैसे माहौल में GT कैसे दें (NEET PG, INICET)?
GT को ऐसे दें जैसे कि ये आपका असली एग्जाम हो, मानो आपकी जिंदगी इसी पर टिकी हो। GT देते समय हर उस नॉलेज का इस्तेमाल करें जो आपने MBBS के दौरान हासिल की है। अगर कोई सवाल नहीं आता है, तो भी अपने दिमाग का इस्तेमाल करके सबसे सही जवाब तक पहुंचने की कोशिश करें।
अनजाने MCQs के लिए GT कैसे तैयारी कराता है?
GT आपको उन नए और अनसुने MCQs के लिए तैयार करता है जो आप असली एग्जाम में फेस करते हैं। अगर आपने GTs दिए हैं और उनमें ऐसे सवाल आए हैं जो आपको नहीं आते थे, तो एग्जाम में ऐसे सवाल देखकर आप घबराएंगे नहीं। आपको पता होगा कि ऑप्शंस को एलिमिनेट करके सही जवाब तक कैसे पहुंचना है।
GT से पहले की तैयारी के टिप्स (छोटी कॉपी मेथड)
GT देने से पहले अपनी छोटी कॉपी से रिविजन करें। छोटी कॉपी में वोलेटाइल चीजें लिखें जिन्हें आप आसानी से भूल जाते हैं। GT देने के बाद आपको ऐसा महसूस होना चाहिए कि आपने अपना पूरा दिमाग और एनर्जी लगा दी है। GT के बाद एक घंटे का ब्रेक लें और फिर एनालिसिस करें।
GT के बाद का एनालिसिस: GTs की गलतियों का एनालिसिस
GT के बाद सबसे पहले अपनी गलतियों का एनालिसिस करें। देखें कि आप उन्हें कैसे सही कर सकते थे। अपनी गलतियों को तीन भागों में बांटें: वो चीजें जो आपने पढ़ी थीं और भूल गए, नए पॉइंट्स जिन्हें आप BTR बुक में ऐड करेंगे, और इंटरप्रिटेशन एरर्स और सिली मिस्टेक्स। इंटरप्रिटेशन एरर्स और सिली मिस्टेक्स को वहीं सीखें और उन्हें कहीं ऐड न करें।
GT की सही फ्रीक्वेंसी और प्रैक्टिस टिप्स
GT की फ्रीक्वेंसी हर 10 दिन में एक बार होनी चाहिए। अगर आपके स्कोर 100 से 120 के बीच में अटके हुए हैं, तो इसका मतलब है कि आपका बेसिक इन्फो हो चुका है। अब आपको एप्लीकेशन पर काम करना है और ज्यादा से ज्यादा MCQs की प्रैक्टिस करनी है। GT से भागे नहीं, उन्हें लर्निंग टूल की तरह इस्तेमाल करें।
GT स्कोर क्यों अटक जाता है (100-120)?
अगर आपका GT स्कोर 100 से 120 के बीच में अटका हुआ है, तो इसका मतलब है कि आपको एप्लीकेशन पर काम करने की जरूरत है। ज्यादा से ज्यादा MCQs की प्रैक्टिस करें और उनसे सीखें। मेन वीडियोज को एक्टिव सर्विलांस की तरह देखें और उन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान दें जो इम्पोर्टेन्ट हैं।
आने वाली GT डेट्स और उनका सही इस्तेमाल कैसे करें
12 मार्च, 15 मार्च और 17 मार्च को तीन GTs होने वाले हैं। जो लोग रिवीजन का एक राउंड पूरा कर चुके हैं, उन्हें इन GTs को सीरियसली लेना चाहिए और जितना हो सके उतना स्कोर करने की कोशिश करनी चाहिए। जो लोग अभी शुरुआत कर रहे हैं, उन्हें भी ये GTs देने चाहिए और स्कोर को अपना बेसलाइन स्कोर मानना चाहिए।
GT स्कोर में प्रेसिजन vs. एक्यूरेसी
अगर आपके GT स्कोर स्टक हैं, तो ये अच्छी बात है। इसका मतलब है कि आप प्रेसाइज हैं। प्रेसिजन का मतलब है रीप्रोड्यूस बिलिटी। अगर आपके स्कोर 90, 130 और 170 हैं, तो आप एक्यूरेट हो सकते हैं, लेकिन आप प्रेसाइज नहीं हैं। GT स्कोर स्टक होना अच्छी बात है क्योंकि आपको पता है कि आप कांस्टेंट हैं। अब आपको इस प्रेसिजन को ऊपर लेकर जाना है। MCQs को लर्निंग टूल की तरह इस्तेमाल करें और उनसे सीखें।