Brief Summary
ये वीडियो कंसिस्टेंसी बनाए रखने के बारे में है, खासकर UPSC और SSC जैसे एग्जाम्स की तैयारी के दौरान। इसमें बताया गया है कि कैसे कॉम्पिटिशन बढ़ने और लाइफस्टाइल बदलने की वजह से कंसिस्टेंट रहना मुश्किल हो गया है। वीडियो में एक बैलेंस्ड प्लान बनाने, घंटे गिनने की बजाय आउटकम पर ध्यान देने और जिंदगी के जरूरी पहलुओं को तैयारी के साथ शामिल करने की सलाह दी गई है। 8-8-8 का रूल फॉलो करने की बात की गई है, जिसमें 8 घंटे आराम, 8 घंटे पढ़ाई और 8 घंटे अपनी पसंद के काम करने के लिए निकालने की बात है।
- कंसिस्टेंसी आजकल एक दुर्लभ चीज हो गई है।
- बैलेंस्ड प्लान बनाकर और आउटकम पर ध्यान देकर कंसिस्टेंसी पाई जा सकती है।
- 8-8-8 का रूल फॉलो करना मददगार हो सकता है।
कंसिस्टेंसी की प्रॉब्लम
आजकल स्टूडेंट्स के लिए कंसिस्टेंट रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है। एग्जाम्स में कॉम्पिटिशन बहुत बढ़ गया है, चाहे वो SSC जैसे वन डे एग्जाम हों या सिविल सर्विसेज। इसके साथ ही, लोगों की लाइफस्टाइल में भी बदलाव आया है, जिससे रिश्तों और परिवारों में भी कंसिस्टेंसी कम हो गई है। SSC की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स जब UPSC की तैयारी करने जाते हैं, तो उन्हें कंसिस्टेंसी की बहुत जरूरत महसूस होती है। SSC एग्जाम 100 मीटर की दौड़ की तरह है, जिसमें कम समय में पूरी ताकत लगानी होती है, जबकि UPSC एक मैराथन है, जिसमें लगातार मेहनत करनी होती है।
कंसिस्टेंसी कैसे बनाए रखें
कंसिस्टेंसी बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है एक प्लान बनाना और उस पर काम करना। प्लान बनाते समय घंटे गिनने की बजाय आउटकम पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप 12-14 घंटे पढ़ाई करते हैं, लेकिन उसका नतीजा सिर्फ 6 घंटे का निकलता है, तो ये सही नहीं है। ऐसा प्लान बनाना चाहिए जो रियलिस्टिक हो और जिसमें बैलेंस हो। अपनी जिंदगी से जरूरी चीजों को काटकर सिर्फ तैयारी पर ध्यान देना सही नहीं है।
8-8-8 का रूल
एक बैलेंस्ड लाइफ जीने के लिए 8-8-8 का रूल फॉलो करना चाहिए। इसमें 8 घंटे आराम करना चाहिए, जिसमें सोना भी शामिल है। 8 घंटे पढ़ाई करनी चाहिए और 8 घंटे अपनी पसंद के काम करने चाहिए, जैसे दोस्तों से मिलना, कला, फिल्में देखना या दूसरी चीजें जो आपको पसंद हों। जब आपकी जिंदगी में संतुलन होगा, तो कंसिस्टेंसी अपने आप आ जाएगी। 12-14 घंटे पढ़ना मानवीय तरीका नहीं है, खासकर लंबे समय के लिए। एग्जाम से पहले आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन पूरे साल नहीं। इसलिए बैलेंस ही कंसिस्टेंसी की कुंजी है।